उज्जैन असेंबली इलेक्शन 2023 : उज्जैन में लहर न मुद्दा, कांटे की टक्कर ने बढ़ाईं धड़कनें

उज्जैन के संभागीय क्षेत्र में आने वाले सात जिलों उज्जैन, रतलाम, मंदसौर, नीमच, देवास, शाजापुर और आगर-मालवा की 29 विधानसभा सीटों पर जीत के लिए भाजपा-कांग्रेस दोनों खासी मशक्कत कर रही हैं। यह सीटें कभी भाजपा के दबदबे वाली मानी जाती थीं। 2013 में पार्टी ने 29 में से 28 सीटों पर जीत दर्ज की थी, लेकिन 2018 के चुनाव में यह आंकड़ा 17 पर सिमट गया।

बाद में सरकार बदलने और दो विधानसभा सीटों (सुवासरा, हाटपिपलिया) पर उपचुनाव के बाद भाजपा ने संभाग में अपने विधायकों की संख्या 19 कर ली। इस बार भाजपा का फोकस फिर 2013 का प्रदर्शन दोहराने पर है। उधर, कांग्रेस भी संभाग की सीटों पर बहुत सक्रिय है। खास यह है कि इस बार चुनावी लहर नहीं है। कोई बड़ा मुद्दा भी प्रभावी नहीं है। फिर भी अधिकतर सीटों पर कांटे की टक्कर दिखने लगी है। इससे प्रत्याशियों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं।

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